कबडडी कबडडी
कबडडी कबडडी कबडडी कबडडी हॉ
कबडडी कबडडी कबडडी
पकड पकड पकड
हट
छुट गया
हा
हा हा हा
ये
अवाजे आज भी सुनाई देती है पर इस चकाचौध से भरी नगरी मे नही ब्लकी गॉव के खेतो में या फिर घर के बाहर बडे से चौक में। पर मजे की बात यह है कि यह अवाजे आज हमारे देश का नाम उचॉ कर
रही है। कहते है महिला यह खेल खेल नही सकती क्योकि यह
खेल केवल पुरूष हीे खेल सकते हैं। पर जनाब अब वह जमाना गया जब यह कहा जाता था जी हॉ क्योकि भारतीय महिला कबडडी टीम ने
वर्ल्ड कप जीत कर यह साबित कर दिया कि वह भी यह खेल खेेल सकती है ब्लकी इस खेल का ताज भी अपने सर पर सजा सकती हैं। उन्होने मलेशिया महिलाओं को 17-12 से पटखनी दी।
भई
भारतीय नारी कभी ना हारीं
तो
इससे ज्यादा क्या कहा जा सकता हैं।
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